Friday, March 1, 2024

आज़ादी

लिखे स्टैटस तमाम, टेक्स्ट कभी,

कभी पोअम, कभी मज़ाक लिखे,

ये चुप्पी चीखती रहती है जो,

उसे पर आदमी क्या खाक लिखे

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