तुमने किया नहीं लेकिन
तुमको फ़रेब आता है ।
क्या मुझ पे मेहरबानी है
या बस वक़्त का फेरा ?
अगर कुछ छू गया मुझको,
छुआ उसे मैंने भी होगा ।
या छूना बेयिमानी है,
बस एक वहम है मेरा ?
तुमको फ़रेब आता है ।
क्या मुझ पे मेहरबानी है
या बस वक़्त का फेरा ?
अगर कुछ छू गया मुझको,
छुआ उसे मैंने भी होगा ।
या छूना बेयिमानी है,
बस एक वहम है मेरा ?
No comments:
Post a Comment