Thursday, September 26, 2019

साफ़गोशि

तुमने किया नहीं लेकिन
तुमको फ़रेब आता है ।
क्या मुझ पे मेहरबानी है
या बस वक़्त का फेरा ?

अगर कुछ छू गया मुझको,
छुआ उसे मैंने भी होगा ।
या छूना बेयिमानी है,
बस एक वहम है मेरा ?

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